बरेली। दिवंगत शिक्षकों के स्वजन को सम्मानित करने और उनकी मदद करने के नाम पर कार्यक्रम किया गया, जिसके लिए दिवंगत शिक्षकों के स्वजन से भी कसूल कर ली गई। शिक्षकों को जानकारी होने पर मामला तूल पकड़ने लगा। बाद में दिवंगत शिक्षकों के स्वजनों को धनराशि लौटा दी गई। हालांकि श्रद्धांजलि सभा करने वाले शिक्षकों ने कहा कि उन लोगों ने संगठन से दिवंगत शिक्षकों के स्वजनों को 55-55 लाख रुपए की सहयोग राशि भी दिलाई है।
स्मार्ट सिटी के ऑडिटोरियम में टीचर्स सेल्फ केयर टीम बरेली की 28 जनवरी को शिक्षक संगोष्ठी एवं श्रद्धांजलि सभा हुई थी । जिसमें दिवंगत शिक्षक रतन गंगवार, सत्यप्रकाश गंगवार, प्रभात, सुरेश पाल, हरीश गंगवार को जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों तथा शिक्षकों ने श्रद्धांजलि अर्पित की थी। जिसकी बाद दिवंगत चार शिक्षकों के स्वजनों को 55-55 लाख की धनराशि दिलाई गई। लेकिन इस हेतु दिवंगत शिक्षकों के स्वजनों से 50-50 हजार रुपए की वसूली की गई।
जिससे नाराज दिवंगत शिक्षक की पत्नी ने व्हाट्सएप ग्रुप पर अपनी नाराजगी जताई तथा इससे संबंधित ऑडियो भी वायरल किए। यह भी बताया गया कि दी गई राशि को बीमा व एफडी कराने पर भी जोर डाला जा रहा। संगठन पर आरोप लगाने पर टीएससीटी की राष्ट्रीय अध्यक्ष विवेकानंद आर्य ने बरेली कार्यकारणी को धनराशि लौटने के निर्देश दिए।
इस मामले को अन्य शिक्षक संगठनों ने गलत बताया। वहीं अन्य शिक्षकों में रोष की स्थिति बनी हुई है। सभी लोग इस बात से परेशान है कि अगर इस तरह से धन उगाही की जा रही है तो एक तो यह गलत है ऊपर से उसका विरोध करने पर धन वापस लेने की भी धमकी भी दी जा रही, जो नाकाबिल ए बर्दाश्त है। लोगों का कहना है कि विवेकानंद आर्य को इस मामले की जांच कर दोषियों को निष्कासित करने की जगह सहयोग राशि वापस लेने वाली बात उनके ऊपर भी प्रश्न खड़ा करती है। ऐसे में TSCT से लोगों का भरोसा खत्म हो सकता है और लोग नहीं चाहते कि शिक्षक हित वाली इस संस्था से लोगों का भरोसा उठे।
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