वास्तविक जीवन में नवाब सैफ अली खान बॉलीवुड के भाग्यशाली कलाकार हैं। जिनका महल के साथ नाम जुड़ा हुआ है। पटौदी महल को "इब्राहिम कोठी" के नाम से भी जाना जाता है। हरियाणा के गुरुग्राम जिले में पटौदी महल की पहचान कलाकारी और अद्भुत इंटीरियर के तौर पर होती है। दीवारों पर पेटिंग्स और आर्ट वर्क महल की शोभा में चार चाँद लगाते हैं। महल के आस-पास हरा-भरा बगीचा अपनी हरियाली का नमूना बिखेरता है।
ये पूरा महल लगभग 10 एकड़ में फैला हुआ है। जिसमें 150 कमरों के साथ- साथ 7 ड्रेसिंग रूम, 7 बेडरूम, 7 बिलियर्ड रूम, शानदार ड्राइंग और डाइनिंग रूम भी हैं। कुल संपत्ति का बाजार भाव लगभग 800 करोड़ रूपये माना गया है। इसको दिल्ली के औपनिवेशिक हवेली के तर्ज पर खास कारीगरों से बनवाया गया था। इसको रॉबर्ड टोर रसेल ने सन् 1900 के आसपास डिजायन किया था। उनके काम में ऑस्ट्रिया के आर्किटेक्ट कार्ल मोल्ट्ज वोन हेंज ने सहायता की थी।
किराये पर दिए गए व्यक्तियों से महल को वापस हासिल कर सैफ अली खान ने इसको अपने हिसाब से पुनर्निर्माण कराया। इसके डिजायन में बदलाव के लिए उन्होंने इंटीरियर डिजाईनर दर्शिनी सिंह को हायर किया।
महल के मुद्दे पर सैफ का कहना है- “जब मेरे पिता का देहांत हुआ तब उसे निमराना होटल को किराए पर दे दिया गया। अमन और फ्रांसिस होटल को चलाया करते थे।" फ्रांसिस की मौत के बाद जब सैफ ने महल को अपने कब्जे में लेने की कोशिश की तब उनसे इसके बदले बड़ी रकम की मांग की गई।
सैफ ने आगे कहा कि महल भले ही उन्हें विरासत में मिला है मगर फिल्म के पैसों से दोबारा हासिल किया गया है। अब सैफ और करीना अपने बेटे तैमूर अली खान के साथ हर साल महल जाते हैं। परिवार ने तैमूर का बर्थडे भी महल के बगीचे में मनाया था। पटौदी महल अंदर और बाहर दोनों ही तरफ से बेहद खूबसूरत है।